नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति का आधार सà¥à¤µà¤¾à¤—त योगà¥à¤¯ लेकिन गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² कहाठहै?
Author
Vinay AryaDate
31-Jul-2020Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
3497Total Comments
1Uploader
RajeevUpload Date
31-Jul-2020Top Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति का आधार सà¥à¤µà¤¾à¤—त योगà¥à¤¯ लेकिन गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² कहाठहै?
- Satyanand Stokes- A Saga of an American Aryan Sage
- मजहब ठमोहबà¥à¤¬à¤¤ से à¤à¤Ÿà¤• गया हिनà¥à¤¦à¥‚ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯
- बदसूरत होते पारिवारिक रिशà¥à¤¤à¥‡
- कोरोना में चीन का हाथ या चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ का
तीन दशक में लमà¥à¤¬à¥‡ अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² के बाद देश को नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति-2020 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मानव संसाधन विकास मंतà¥à¤°à¥€ रमेश पोखरियाल निशंक और सूचना पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जावडेकर ने पà¥à¤°à¥‡à¤¸ वारà¥à¤¤à¤¾ कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले 1986 में शिकà¥à¤·à¤¾ नीति लागू की गई थी। 1992 में इस नीति में कà¥à¤› संशोधन किठगठथे। यानी 34 साल बाद देश में à¤à¤• नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति लागू की जा रही है।
बताया जा रहा है कि पूरà¥à¤µ इसरो पà¥à¤°à¤®à¥à¤– के कसà¥à¤¤à¥‚रीरंगन की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ की à¤à¤• समिति ने इसका मसौदा तैयार किया था, जिसे पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। इस नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में सà¥à¤•à¥‚ल शिकà¥à¤·à¤¾ से लेकर उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ तक कई बड़े बदलाव किठगठहैं।
खबर है कि नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में पाà¤à¤šà¤µà¥€ कà¥à¤²à¤¾à¤¸ तक मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ या कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पà¥à¤¾à¤ˆ का माधà¥à¤¯à¤® रखने की बात कही गई है। इसे कà¥à¤²à¤¾à¤¸ आठया उससे आगे à¤à¥€ बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता है। विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की पà¥à¤¾à¤ˆ सेकेंडरी लेवल से होगी। हालांकि नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में यह à¤à¥€ कहा गया है कि किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को थोपा नहीं जाà¤à¤—ा। साल 2030 तक सà¥à¤•à¥‚ली शिकà¥à¤·à¤¾ में 100ः जीईआर के साथ माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° तक à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ फॉर ऑल का लकà¥à¤·à¥à¤¯ रखा गया है। यानि अà¤à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल से दूर रह रहे दो करोड़ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को दोबारा मà¥à¤–à¥à¤¯ धारा में लाया जाà¤à¤—ा। इसके लिठसà¥à¤•à¥‚ल के बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचे का विकास और नवीन शिकà¥à¤·à¤¾ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¥€ की जाà¤à¤—ी।
अगर देखा जाये नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति की लमà¥à¤¬à¥‡ अरसे से देश को तलाश थी इस कारण इस नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति की अगर सराहना की जाये तो कोई अतिशयोकà¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बहà¥à¤¤ सारे पॉइंट à¤à¤¸à¥‡ है जिसकी देश को महती आवयशà¥à¤•à¤¤à¤¾ थी। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इससे सामाजिक और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• नजरिठसे वंचित समूहों की शिकà¥à¤·à¤¾ पर विशेष जोर दिया जाà¤à¤—ा। छठी कà¥à¤²à¤¾à¤¸ से वोकेशनल कोरà¥à¤¸ शà¥à¤°à¥‚ किठजाà¤à¤‚गे। इसके लिठइसके इचà¥à¤›à¥à¤• छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को छठी कà¥à¤²à¤¾à¤¸ के बाद से ही इंटरà¥à¤¨à¤¶à¤¿à¤ª करवाई जाà¤à¤—ी। इसके अलावा मà¥à¤¯à¥‚जिक और आरà¥à¤Ÿà¥à¤¸ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दिया जाà¤à¤—ा। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाठयकà¥à¤°à¤® में लागू किया जाà¤à¤—ा। सबसे बड़ी बात यह कि जीडीपी का छह फीसद शिकà¥à¤·à¤¾ में लगाने का लकà¥à¤·à¥à¤¯ जो अà¤à¥€ 4.43 फीसद है। इसके अलावा नई शिकà¥à¤·à¤¾ का लकà¥à¤·à¥à¤¯ 2030 तक 3-18 आयॠवरà¥à¤— के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• बचà¥à¤šà¥‡ को गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
इसके अतिरिकà¥à¤¤ नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को ये आजादी à¤à¥€ होगी कि अगर वो कोई कोरà¥à¤¸ बीच में छोड़कर दूसरे कोरà¥à¤¸ में दाख़िला लेना चाहें तो वो पहले कोरà¥à¤¸ से à¤à¤• ख़ास निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ समय तक बà¥à¤°à¥‡à¤• ले सकते हैं और दूसरा कोरà¥à¤¸ जà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤¨ कर सकते हैं और उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ में कई बदलाव किठगठहैं। जो छातà¥à¤° रिसरà¥à¤š करना चाहते हैं उनके लिठचार साल का डिगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® होगा। जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® करेंगे। लेकिन जो रिसरà¥à¤š में जाना चाहते हैं वो à¤à¤• साल के à¤à¤®à¤ के साथ चार साल के डिगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® के बाद सीधे पीà¤à¤šà¤¡à¥€ कर सकते हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अब à¤à¤®à¤«à¤¿à¤² की जरूरत नहीं होगी।
अगर à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ठको इस शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में देखें तो सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के लिठसंरकà¥à¤·à¤£, विकास और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ और जीवंत बनाने के लिठनई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में पाली, फारसी और पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के लिठà¤à¤• इंडियन इंसà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट ऑफ टà¥à¤°à¤¾à¤‚सलेशन à¤à¤‚ड इंटरपà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ (आईआईटीआई), राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करने, उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ और सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤—ों को मजबूत करने और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में, शिकà¥à¤·à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® के रूप में मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤§à¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ का उपयोग करने की सिफारिश की गई है।
यानि देखा जाये तो नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति में बहà¥à¤¤ कà¥à¤› है और बहà¥à¤¤ कà¥à¤› बदलाव à¤à¥€ किये गये लेकिन à¤à¤• कसक हà¥à¤°à¤¦à¤¯ के अंदर ये है कि इसमें हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ के लिठकोई विशेष बात नहीं की गयी। ये हम इसलिठकह रहे है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ वैसा ही होता है, जैसी शिकà¥à¤·à¤¾ उसे मिलती है, और जैसी शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती है वैसे ही वहां के लोगों की मानसिकता और समाज होता है। आज हमारा राषà¥à¤Ÿà¥à¤° यदि समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ है तो इसका अरà¥à¤¥ यह है कि समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° विकसन के लिठà¤à¤• आदरà¥à¤¶ शिकà¥à¤·à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नहीं है। आज की शिकà¥à¤·à¤£ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ को चरम पर ले जानेवाली, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—तता को महतà¥à¤µ देनेवाली तथा सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ को जनà¥à¤® देनेवाली है। जो शिकà¥à¤·à¤¾ न रहकर बाजारू बन गयी है। दूसरा पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का à¤à¤• उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶ होता है और उस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को चरम सà¥à¤¤à¤° पर ले जाना पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का दायितà¥à¤µ है। हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶ उस देश की शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ तय करती है। इसका अरà¥à¤¥ यह हà¥à¤† कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को उसके उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶ तक पहà¥à¤‚चाने में शिकà¥à¤·à¤¾ की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका है और गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ से उतà¥à¤¤à¤® वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ दूसरी नहीं हो सकती है à¤à¤¸à¤¾ हमारा मानना है।
विदà¥à¤¯à¤¾ विकà¥à¤°à¤¯ नहीं की जा सकती है, बलà¥à¤•à¤¿ दी जाती है. इसलिठगà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ निःशà¥à¤²à¥à¤• होते हैं। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² में करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ है। इसलिठआचारà¥à¤¯ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ समà¤à¤•à¤° शिकà¥à¤·à¤¾ देते हैं। इसलिठसमाज और सरकार का à¤à¥€ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बनता है कि वह अपनी कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ से थोड़ा अधिक देकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को कृतारà¥à¤¥ करें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² से निकलकर छातà¥à¤° समाज उतà¥à¤•à¤°à¥à¤· के लिठही कारà¥à¤¯ करेंगे। कारण यहाठजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के साथ अनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जाता है।
इसे à¤à¤• उदहारण सà¥à¤µà¤°à¥‚प देखें तो अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होने के कारण जानकारी को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ माना जाने लगा है। लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अनà¥à¤à¤µ को ही जà¥à¤žà¤¾à¤¨ माना गया है। जब हमारी गाड़ी ख़राब हो जाती है तब गाड़ी को वरà¥à¤•à¤¶à¥‰à¤ª में ठीक करने ले जाया जाता है। à¤à¤• बात विचार करें कि कà¥à¤¯à¤¾ वह ख़राब गाड़ी वरà¥à¤•à¤¶à¥‰à¤ª का इंजिनियर ठीक करता है या आज की à¤à¤¾à¤·à¤¾ में आठवी या दसवी पà¥à¤¾ हà¥à¤† कारीगर? उतà¥à¤¤à¤° मिलेगा कारीगर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कारीगर ने अनà¥à¤à¤µ लेते-लेते सीख लिया। जब तक गाड़ी ठीक करनी नहीं आयेगी तब तक जानकारी लेकर कà¥à¤¯à¤¾ करेंगे ? अनà¥à¤à¤µ दे दिया तो जानकारी अपनेआप मिल जाà¤à¤—ी। गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ में छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को अनà¥à¤à¤µ देकर सिखाया जाता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अनà¥à¤à¤µ किया हà¥à¤† जà¥à¤žà¤¾à¤¨ जीवन परà¥à¤¯à¤‚त याद रहता है। इसलिठहमें गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ को जीवित ही रखना बलà¥à¤•à¤¿ इसे बहà¥à¤¤ आगे लेकर जाना है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यही शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ अपने सिंहासन पर बैठकर विशà¥à¤µ को मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करनेवाली है। यही शिकà¥à¤·à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ मेकॉले पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¥à¤¾ को तोड़कर महरà¥à¤·à¤¿ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करने वाली है। इस कारण हमारा सरकार से अनà¥à¤°à¥‹à¤§ है कि नई शिकà¥à¤·à¤¾ नीति को आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• नजरिये से सही कहा जा सकता है लेकिन इससे à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का à¤à¤¾à¤°à¤¤ अनà¥à¤à¤µà¤µà¤¾à¤¨, जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤¨ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ नहीं हो सकता। मानव संसाधन विकास मंतà¥à¤°à¥€ रमेश पोखरियाल निशंक जी से अनà¥à¤°à¥‹à¤§ है कि गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥‹à¤‚ की शिकà¥à¤·à¤¾ और पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ पर पर à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिया जाये तà¤à¥€ यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥ बन सकता है।
विनय आरà¥à¤¯
Studying with Discipline through Community services inculcates values of Education; basics of Civility are imbibed when practical implementatioon early on is allowed for; Gurus are able to evaluate via online systems, the progress of students; senior specialisations as engineering, medical, artists, ministers etc. are honourable when virtues of true co-operation are inculcated through Education. Gurukul renders scope for eco-friendly living, environment care, respect for Instructor, syllabus that is humane and tapasya. Sanskrit towns are models for Gurukuls because the vocabulary is self-instructing.